"श्रीमद्भागवत महापुराण दशम स्कन्ध अध्याय 1 श्लोक 23-39" के अवतरणों में अंतर
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− | वसुदेवजी के घर स्वयं पुरुषोत्तम भगवान् प्रकट होंगे। उनकी और उनकी प्रियतमा (श्रीराधा) की सेवा के लिए देवांगनाएँ जन्म ग्रहण करें। स्वयं प्रकाश भगवान् शेष भी, जो भगवान् की कला होने कारण अनंत हैं (अनंत का अंश भी अनंत ही होता है) और | + | वसुदेवजी के घर स्वयं पुरुषोत्तम भगवान् प्रकट होंगे। उनकी और उनकी प्रियतमा (श्रीराधा) की सेवा के लिए देवांगनाएँ जन्म ग्रहण करें। स्वयं प्रकाश भगवान् शेष भी, जो भगवान् की कला होने कारण अनंत हैं (अनंत का अंश भी अनंत ही होता है) और जिन |
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०६:४०, ७ जुलाई २०१५ का अवतरण
दशम स्कन्ध: प्रथम अध्याय (पूर्वार्ध)
श्रीमद्भागवत महापुराण: दशम स्कन्ध: प्रथम अध्याय: श्लोक 23-39 का हिन्दी अनुवाद
वसुदेवजी के घर स्वयं पुरुषोत्तम भगवान् प्रकट होंगे। उनकी और उनकी प्रियतमा (श्रीराधा) की सेवा के लिए देवांगनाएँ जन्म ग्रहण करें। स्वयं प्रकाश भगवान् शेष भी, जो भगवान् की कला होने कारण अनंत हैं (अनंत का अंश भी अनंत ही होता है) और जिन