अगरतला
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अगरतला
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 65 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नरेन्द्रनाथ लाल। |
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अगरतला 23° 51 उ. अ. तथा 91° 21 पू. दे. रेखाओं पर स्थित त्रिपुरा की राजधानी है। यहाँ का प्राचीन नगर हाओरा नदी के बाएँ तथा नवीन नगर दाहिने किनारे पर बसा हुआ है। प्राचीन नगर में राजभवन के समीप एक छोटा देवालय है जिसे त्रिपुरा निवासी अत्यंत सम्मान तथा श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। इसमें स्वर्ण तथा अन्य धातु जटित चतुर्भुज देवों की मूर्त्तियाँ हैं जो यहाँ के निवासियों के संरक्षक माने जाते हैं। 1874-75 ई. में यहाँ नगरपालिका की स्थापना हुई। यहाँ के आर्ट्स कालेज, शिल्प संस्थान, औषधालय तथा बंदीगृह प्रसिद्ध हैं। यहाँ के विभिन्न वर्षों की जनगणना देखने से पता चलता है कि यह उन्नतिशील नगर है। जनसंख्या 1901 में 6,415; 1931में 9,580; 1941 में 17,693; 1951 में 42,525 और 1961 में 54,847 थी। इस नगर का क्षेत्रफल लगभग चार वर्ग मील है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ