उन्मत्तावंती

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लेख सूचना
उन्मत्तावंती
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 110
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक ओंकारनाथ उपाध्याय

उन्मत्तावंती (937-39 ई.) यह कश्मीर के प्रसिद्ध उत्पल राजवंश का अंतिम औरस राजा था, अपने समूचे राजकुल में क्रूरतम। उसकी क्रूरता की कहानी इतिहासप्रसिद्ध है और उसका वर्णन कल्हण ने अपनी राजतरंगिणी में विशद रूप से किया है। क्रूरता के कार्य उसे असाधारण आह्लाद प्रदान करते थे। गर्भवती स्त्रियों के बच्चों को मार डालने में उसे असाधारण आनंद मिलता था। उसके पहले कश्मीर की दशा आंतरिक युद्धों और पदाधिकारियों की बेईमानियों से क्षतविक्षत हो रही थी। उन्मत्तावंती के पिता पार्थ ने विरक्त होकर जयंद्रविहार में रहना आरंभ किया बा। अस्वाभाविक पुत्र उन्मत्तावंती ने विरक्त पिता की भी हत्या कर डाली और अपने सारे भाइयों को मरवा डाला। परंतु बहुत काल तक वह भी राज न कर सका और केवल दो वर्ष के क्रूर शासन के बाद राज्य का अधिकार उसके अनौरस पुत्र सूरवर्मन्‌ के हाथ में चला गया।


टीका टिप्पणी और संदर्भ