अजटेक लिपि
अजटेक लिपि
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 82 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | मोहनलाल तिवारी । |
अजटेक लिपि मेक्सिको के उत्तर पश्चिम एनिमास नदी की घाटी में स्थित रेड इंडियन आदिवासियों की भाषा और लिपि है। अजटेक भाषा और लिपि को स्थानीय भाषा में नहुआ या नहुअतल् कहा जाता है। अंग्रेजी और स्पेनी भाषा के माध्यम से इस भाषा के कतिपय शब्द अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त कर चुके हैं, यथा टोमाटो, चाकलेट, क्रोसेलाट आदि। मेक्सिको में इस समय अजटेक (नहुआ) बोलने वालों की संख्या दस लाख के लगभग है। यह अमरीका परिवार (उटी-अजटेक वर्ग) की एक भाषा है। ये भाषाएँ छह उपवर्गों में बाँटी गई हैं, यथा-
1. नहुअतल्,
2. पिपिल,
3. निकरओ,
4. टलस्कलटेक,
5. सिगुआ,
6. कज़कन।
रोमन लिपि के आधिपत्य से पूर्व ये भाषाएँ जिस लिपि में लिखी जाती थीं उसे अजटेक लिपि कहा जाता है। यह चित्रलिपि ही है। यह अमरीका की मायालिपि का एक विकसित रूप है। इस लिपि के सभी संकेत चिन्ह चित्र ही होते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
[[Category::हिन्दी विश्वकोश]]