अजाव सागर
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अजाव सागर
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 84 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | हरिहरनाथ सिंह। |
अजाव सागर कृष्ण सागर (ब्लैक सी) का एक बाहर की ओर निकला हुआ भाग है जो क्रीमिया, पूर्वी यूक्रेन तट तथा उत्तरी काकेशस पहाड़ से घिरा हुआ है। यह सागर पूर्व से पश्चिम 226 मील लंबा तथा उत्तर से दक्षिण 110 मील चौड़ा है; इसका क्षेत्रफल 14,520 वर्ग मील है।
सागर छिछला तथा चौरस तलहटी का है। यहाँ प्रति वर्ग मील की गणना से मछलियां संसार में सबसे अधिक पाई जाती हैं। यह रूस का दूसरा सबसे प्रसिद्ध मछली पकड़ने का केंद्र है। इस सागर की प्रधान व्यापारिक वस्तुएँ कोयला, लोहा, नमक, इमारती सामान तथा मछलियाँ हैं। जनवरी-फरवरी के महीने में न्यून ताप होने के कारण सागर जम जाता है। कभी-कभी तूफान भी आ जाते हैं। इस सागर में कुछ मछलियाँ कैस्पियन सागर की जाति की हैं, अत यह अनुमान लगाया जाता है कि पूर्व-ऐतिहासिक काल में यह कैस्पियन सागर से जुटा हुआ था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ