कैनरी द्वीप
कैनरी द्वीप
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 135 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | काशीनाथ सिंह. |
कैनरी द्वीप अतलांतक महासागर में उत्तरपश्चिमी अफ्रीका के समुद्रतट से लगभग 60 मील दूर स्थित सात द्वीपों का समूह (स्थिति 2७ 40-29 30 उत्तरी अक्षांस से. 13 20-18 10 पूर्वी देशांत क्षेत्रफल 4,685 वर्गमील), जनसंख्या 9,6७,1७७ (1962)। इन की उत्पत्ति ज्वालामुखीय उद्गारों से हुई। इनका धरातल विषम पर्वतीय तथा दुर्गम है परंतु बीच बीच में उपजाऊ लावा मिट्टीवाली घाटियाँ हैं। पर्वत वनाच्छादित हैं। जलवायु अपेक्षकृत शुष्क परंतु स्वास्थ्यकर है। यहाँ तूफान तथा ज्वालामुखीय विस्फोट होते रहते हैं। धान्य फसलों, केला, अंगूर, संतरा, तंबाकू, टमाटर तथा सब्जी की कृषि होती है। प्यूमिस (झावाँ) एकमात्र खनिज पदार्थ है। यहाँ मत्स्य उद्योग भी है।
यह दो प्रशासकीय विभागों में बँटा है पश्चिमी भाग तेनेरिफे (क्षेत्रफल 1,329 वर्ग मील, जनसंख्या 5,9७,514 (19७0) और पूरबी भाग ला पालमा (क्षेत्रफल 1,565 वर्गमील, जनसंख्या 5,७9,७10 (19७0) कहलाता है। सांताक्रुज़ और ला पालमा क्रमश: इन दोनों प्रदेशों की राजधानी एवं प्रमुख नगर तथा बंदरगाह हैं। यह द्वीपसमूह स्पेन के अधिकार में है। गुआंक (Guanches) यहाँ के आदिवासी हैं जो प्राय: स्पेनिश रक्त के साथ घुलमिल से गए हैं। अधिकांश निवासी स्पेनिश ही हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ