कैमरून
कैमरून
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 141 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | काशीनाथ सिंह.परमेश्वरीलाल गुप्त |
कैमरून (देश) अफ्रीका के मध्य पश्चिम तटीय भाग का एक प्रदेश। इस प्रदेश का मध्य तथा दक्षिणी भाग पठारी है, जिसकी ऊँचाई लगभग 2,000 फुट है और जो पश्चिम में ऊँचा होकर संकीर्ण समुद्री तट निर्मित करता है दक्षिणपूर्व मे कोंगो वेसिन में क्रमश नीचा होता गया है। उत्तर और उत्तरपश्चिम में चाप की तरह फैली विदीर्ण किंतु विषय धरातलीय ऊँची पर्वतश्रेणियाँ हैं। इसके उत्तर में ऐडामावा (Adamawa) का पहाड़ी क्षेत्र तथा उत्तर में मैदानी भाग तथा चैंड झील है। इस प्रदेश में चार विभिन्न प्रणालियाँ है। 1, अतलांतक महासागर में गिरनेवाली सनगा तथा न्योंग प्रणाली 2,चाड झील प्रणाली जिसमें लोगोण तथा अन्य नदियाँ मिलती है 3, कांगो प्रणाली 4, नाइजर प्रणाली। जलवायु उष्मकटिबंधीय है। पठार पर 50 से 60 चैड बेसिन मे 20 तथा कैमरून पर्वत क्षेत्र में 400 से 500 तक औसत वर्षा होती है। वनों में महोगनी, एवोनी, सागोण तथा अन्य बहुमूल्य लकडियाँ मिलती है। चावल, मक्का, केला, आलुक (याम Yams) कसावा (Cassava) आदि की कृषि होता है। कहवा तथा कपास, के जंगली पौधे भी मिलते हैं।
1916 ई. से पूर्व यह जर्मनी का उपनिवेश था। प्रथम महायुद्ध काल में फ्रेंच और अंग्रेजी सेना इस पर अधिकार कर लिया। इसके बड़े भाग मे फ्रेंच का शासन रहा। 1 जनवरी, 1959 ई. को यह फ्रेंच ट्रस्टीशिप के अंतर्गत आया और 1 जनवरी 1960 ई. को उसे पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जो भाग अंग्रेजों के शासन में था उसके दो भाग थे। उत्तरी भाग ने 1961 की फरवरी में जनमत गणना के आधार पर नाइजीरिया के संघराज्य में सम्मिलित होने का निश्चय किया। फलत अब वह नाइजीरिया संघ राज्य का अंग है। किंतु दक्षिण में कैमरून के संघराज्य में सम्मिलित कर लिया गया।
कैमरू न राज्यसंघ का क्षेत्रफल 4,74000 वर्गमील है और उसकी जनसंख्या लगभग 5,70,00,000 है। इसके मुख्य नगर हैं याउंडे, डौला, कांगसंबा, ईडिया, मारूआ एवोलोना, गरूआ, तिको, कुंथा बमेडा, विक्टोरिया और ब्युआ ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ