खरदूषण

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लेख सूचना
खरदूषण
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 303
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भोलानाथ तिवारी

खरदूषण खर, सुमाली राक्षस की कन्या राखा तथा विश्ववसु मुनि का पुत्र था। दूषण एक मत से इसका भाई, किंतु दूसरे मत से इसका सेनापति था। ये दोनों रावण के आदेश से उसकी और उसके देश लंका की रक्षा के लिए दक्षिणी भारत के जंगलों में रहा करते थे। शूर्पणाक खर की बहिन थी। पंचवटी में जब लक्ष्मण ने शूर्पणाखा के नाक कान काट लिए तो उसके कहने पर खर दूषण तथा त्रिशिरा आदि के साथ राम से लड़ने गया। युद्ध में राम के हाथों वे सभी मारे गए।


टीका टिप्पणी और संदर्भ