खोजा
खोजा
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 336 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
खोजा मुसलमानों का एक समाज जो मुख्यत: पंजाब और महाराष्ट्र के निवासी हैं। खोजा (ख्वाजा) हिंदू ठाकुर का समानार्थी समझा जाता है। ये लोग मिस्र के इस्माइली पंथ के अनुयायी शिया हैं। ये लोग मूलत: सिंध निवासी लोहाड़ा जाति के हिंदू हैं जिन्हें 12 वीं शती ई. में नूर सतागुर नामक फकीर ने मुसलमान धर्म में दीक्षित किया। खोजा इसमाइलियों पर वैष्णव पंथ की छाप है। वे लोग अपने गुरु को कृष्ण का अवतार कहते हैं। इस पंथ के पीर नसीरुद्दीन का कहना था कि आदम विष्णु हैं; हसन उनके दसवें अवतार हैं। मुहम्मद शिव हैं, पाँचों इमाम पंच पांडव हैं। इस संप्रदाय के हसन अली नामक इमाम ने अपनी गद्दी भारत में स्थापित की। उन्हीं के वंशज आगा खाँ हैं जो खोजा लोगों के नेता माने जाते हैं।
खोजा लोग अधिकांशत: व्यापारी हैं और श्रीलंका, सिंगापुर, चीन, जापान, ईरान, अरब तथा पूर्वी अफ्रीका तक इनके व्यापार का विस्तार है। इस कारण कुछ खोजा लोग अरब, जंजीबार आदि देशों में जा बसे है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ