गंजाम
गंजाम
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 345 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कैलाशनाथ सिंह |
गंजाम उड़ीसा राज्य का एक जिला।[१] इसका क्षेत्रफल लगभग 12,527 वर्गकिलोमीटर है। 1971 में इसकी जनसंख्या 22,93,808 थी।
बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित इस जनपद का अधिकतम भूभाग उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हुई पूर्वी घाट पहाड़ियों की चट्टानों से निर्मित है। महेंद्रगिरि और सिलराजू सर्वोच्च चोटियाँ (5,000 फुट या 1524 मीटर) हैं। रूशी कुल्या, बंसधारा और लांगुल्य तीन मुख्य नदियाँ हैं जो सिचाई के लिए प्रयुक्त होती हैं तथा अपनी सहायक नदियों के साथ पहाड़ियों को काटती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। सामान्य धरातल पर्वतीय और मैदानी दोनों हैं। तटीय भागों तथा नदी घाटियों की काँप के अतिरिक्त प्राचीन युग की नाइस तथा सिस्ट चट्टानें धरातल पर मिलती हैं। 1,219.2 मीटर की ऊँचाई पर प्राय: 6.01 मीटर मोटी लैटराइट चट्टान फैली हुई है। गंजाम खंड के अतिरिक्त शेष जनपद की जलवायु अच्छी है। औसत वार्षिक वर्षा 224.3 सेंटीमीटर है जिसकी व्याप्ति लगभग 59 दिनों तक रहती है। वर्षा उत्तर-पूर्वीय तथा दक्षिण-पश्चिमी दोनों मौसमी वायुओं से होती है। जनपद का अधिक भाग वनों से आच्छज्ञछित है जिनमें साल प्रमुख हैं। साँभर, हिरन, जंगली कुत्ते, नीलगाय आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। काली, दुमट और लाल मिट्टी के प्रकार यहाँ मिलते हैं। धान प्रमुख उपज है। बुरहानपुर जनपद का प्रमुख नगर है जहाँ इंजीनियरिंग स्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, संस्कृत कालेज और चेंबर ऑव कामर्स व्यापारिक संस्थान हैं। इसके अतिरिक्त उत्कल विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक शिक्षा संस्थाएँ हैं। जनसंख्या का घनत्व लगभग 152 व्यक्ति प्रति वर्ग मील तथा साक्षरता 21 प्रति शत है।
दक्षिण-पूर्वी-रेलवे की हबड़ा-विजयवाड़ा-शाखा पर स्थित एक प्राचीन महत्व का नगर।[२] 1815 ई. के बाद जनपद के प्रशासनिक कार्यालयों का स्थानांतरण बुरहानपुर हो जाने से इसका व्यापारिक महत्व घट गया है। नगर में नमक बनाने का कार्य गृहउद्योग के रूप में प्रचलित है। चावल यहाँ का प्रमुख निर्यात पदार्थ है।