ग्लास्गो एलेन
ग्लास्गो एलेन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 89 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | तुलसी नारायण सिंह |
ग्लास्गो, एलेन (अमरीकी, 1874-1945) उपन्यासकार के रूप में एलेन ग्लासगो ने संयुक्त राज्य अमरीका के दक्षिणी भाग में स्थित वर्जिनिया प्रदेश का जीवन बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। इनकी प्रारंभिक रचनाओं में गृहयुद्ध के समय की स्थित का व्यापक चित्र मिलता है। बाद की रचनाओं में अनुपजाऊ भूमि पर बड़ी कठिनाई से जीवनयापन करते हुए मानव के संघर्ष और दु:खों का वर्णन मिलता है। सन् 1925 में प्रकाशित उपन्यास 'बैरेन ग्राउंड' इसी प्रकार की रचना है। कुछ उपन्यासों में उन्होंने बड़े नगरों के जीवन का बड़ा ही सूक्ष्म और व्यंगात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। 'दि शल्टर्ड लाइफ' नामक उपन्यास में व्यंग का अच्छा पुट है। कुछ कहानियों में जो 'दि शैडोई बर्ड' (The Shadowy Bird) शीर्षक से 1923 में प्रकाशित हुईं मानव भावों क गूढ़ मनोवैज्ञानिक अध्ययन मिलता है। एलेन ग्लास्गो अपने पाठकों क रुचि में समय समय पर होते परिवर्तनों से सर्वथा परिचित थीं और इन्हीं के अनुसार इनकी कला में भी परिर्वतन होता रहा। इनक शैली में स्पष्टता और ताजगी है। कला की दृष्टि से इनके उपन्यास उच्चकोटि के हैं। इन्होंने कहीं भी कहानियों को रोचक बनाने के उद्देश्य से चमत्कारिक घटनाओं का सहारा नहीं लिया है। इनकी अन्य रचनाएँ इस प्रकर है :
दि डिंसेंडैंट (1897,) दि वायस ऑव दि पीपुल (1900), दि बैटिल ग्राउंड (1902), दि ऐंश्येंट ला (1908), वर्जिनिया (1913), दि बिल्डर्स (1919), दि रोमैंटिक कमेडियंस (1926)।
टीका टिप्पणी और संदर्भ