चित्तूर
चित्तूर
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 219 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कृष्ण मोहन गुप्त |
चित्तूर 1. जिला, आंध्र प्रदेश में स्थित इस जिले का क्षेत्रुल 5,855 वर्ग मील और जनसंख्या 19,14,639 (1961) है। यह दक्षिण के पठार पर बसा है। पूर्वी घाट की पहाड़ियाँ दक्षिण और पूर्व दिशा में फैली हैं। पहाड़ों में ताँबे और लोहे के खनिज मिलते हैं। घाटियों में उपजाऊ भूमि हैं और ढालों पर जंगल हैं। धान, मक्का, तिलहन, गन्ना तथा कपास की खेती होती है। जंगल की लकड़ियों में चंदन और लाल चंदन महत्वपूर्ण हैं।
नगर, मद्रास से लगभग 85 मील पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में स्थित चित्तूर जिले का प्रशासकीय नगर है। यातायात और व्यापार के साथ ही शिक्षा का भी क्षेत्रीय केंद्र है। सभी पर्वती पहाड़ियों से श्वेत चंदन और लाल चंदन और लाल चंदन की लकड़ियाँ मिलती हैं, जिनसे सुंदर समान बनाए जाते हैं। चावल और तेल की मिलें हैं। शराब बनाने और चमड़ा कमाने के कारखाने हैं। कालेज, सैनाटोरियम और मिशनरी ट्रेंनिग स्कूल हैं। यहाँ ग्रैनाइट पत्थर का व्यापार होता है। 1782 ईस्वी में हैदरअली इसी नगर में मरा था। यहाँ की जनसंख्या 47,876 (1961) है। चित्तूर नाम का एक दूसरा नगर त्रिचूर से 38 मील पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थिति है जहाँ धान कूटने, तेल पेरने और बिनौला निकालने के कारखाने हैं। कुटीर उद्योग और टाइल बनाने में भी यह स्थान प्रसिद्ध हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ