चुंबीघाटी
चुंबीघाटी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 270 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कृष्ण मोहन गुप्त |
चुंबीघाटी हिमालय की दक्षिणी ढालों पर समुद्रतट से ९,५००¢ ऊँची यह घाटी (क्षेत्रफल ७०० वर्ग मील) भारत को तिब्बत से मिलाती है। इसके पूर्व में भूटान और पश्चिम में सिक्किम हैं। यद्यपि राजनीतिक रूप में यह पहले तिब्बत के और अब चीन के आधिपत्य में है, तथापि भौगोलिक दृष्टि से इसे भारत का अंग हाना चाहिए। इसी मार्ग से १९०४ ई. में ब्रिटिश मिशन गया था। यह उत्तर-उत्तर-पूर्व में दांग्ला (Tang-la) दर्रे तक फैली है। इस घाटी में तोरसा नदी बहती है और इसी नद के द्वारा बने छोटे छोटे समतल क्षेत्रों में जो, गेहूँ और तरकारियों की खेती होती है। आमो चू नदी पर चुंबी घाटी का प्रसिद्ध नगर चुंबी बसा है, जिसके ३७ मील दक्षिण-पश्चिम कालिंपाँग स्थित है। वर्तमान भारत चीन संघर्ष की दृष्टि से इस घाटी का सैनिक महत्व बढ़ गया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ