जैकब केल
जैकब केल
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 120 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | तुलसीनारायण सिंह |
जैकब केल (1798-1862)। डच साहित्यकार। लाइडेन विश्वविद्यालय में लाइबेरियन और प्रोफेसर रहे। इनकी ख्याति विशेषयता आलोचक और निबंधकार के रूप में हैं। अंग्रेज उपन्यासकार लारेंस स्टर्न (Laurence Sterne) के उपन्यास सेंटीमेंटल जर्नी का डच भाषा में सफल रूपांतर कर अनुवादक के रूप में भी आपने ख्याति अर्जित की है। आलोचना की आपकी एक विशेष शैली थी जिसमें व्यंग्य का पुट था। आलोचना के क्षेत्र में रिसर्च ऐंड फैंटसी आपकी महत्वपूर्ण रचना है। इनका महत्वपूर्ण कार्य डच गद्य शैली को परिष्कृत करने से संबद्ध है। जिन दिनों इन्होंने लिखना प्रारंभ किया था, डच गद्य शैली कृत्रिमता से ओतप्रोत थी। इन्होंने सादगी और स्वाभाविकता पर जोर दिया और इनकी प्रेरणा के फलस्वरूप डच गद्य शैली में अपेक्षित सुधार हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ