नकछेदी तिवारी
नकछेदी तिवारी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 6 |
पृष्ठ संख्या | 218 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | राम प्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1966 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
जीवन परिचय
डुमराँव (शाहाबाद) निवासी नकछेदी तिवारी जी का जन्म संवत 1919 विक्रम में हल्दी गाँव में हुआ था। ये 'अजान' नाम से काव्यरचना करते थे। ये गद्य पद्य दोनों ही लिखते थे। काव्य के क्षेत्र में इन्होंने स्फुट रचनाएँ ही की हैं। इनका संबंध प्रमुख रूप से भारतजीवन प्रेस (बनारस) और उसके स्वामी बाबू रामकृष्ण वर्मा 'बलवीर' से था। उक्त प्रेस से प्राचीन ढर्रें के जितने भी काव्यादि के ग्रंथ प्रकाशित हुए उन सब का संपादन, संशोधन अथवा संकलन करने में इनका पूरा हाथ होता था। इसलिए तिवारी जी का महत्व 'ब्रजभाषा' ग्रंथरत्नों के संपादन, संकलन और शोध की दृष्टि से अनूठा है। ये अनन्य भाषाप्रेमी और खोजी विद्वान् थे। अपने समय के अनेक कवियों से इनको मैत्री थी।
रचनायें
- इनके ग्रंथों के नाम हैं-
(1) कविकीर्तिकलानिधि, (2) मनोजमंजरीसंग्रह, (3) भँड़ौआसंग्रह, (4) वीरोल्लास, (5) खंगावली, (6) होरीगुलाल, और (7) कविराज लछिराम कवि का जीवनचरित्र।
- इनके अतिरिक्त इन्होंने अनेक ग्रंथों का संपादन भी किया है जिनमें प्रमुख हैं 'ठाकुरशतक' और बोधा कवि का 'इश्कनामा'।
- इनका 'कविकीर्तिकलानिधि' संज्ञक ग्रंथ 'शिवसिंहसरोज' के आधार पर लिखा गया है जिसमें हिंदी कवियों का परिचय दिया गया है।
'काशी-कवि-समाज' के ये उत्साही कार्यकर्ता भी थे। कविता इनकी बड़ी ललित और मधुर होती थी। इसीलिए आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने लिखा था - 'वे बड़ी सुंदर कविता करते थे और पढ़ने का ढंग उनका बड़ा ही अनूठा था।'
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संदर्भ ग्रंथ - आचार्य रामचंद्रशुक्ल : हिंदी साहित्य का इतिहास ; मिश्रबंधु : मिश्रबंधु विनोद, भा. 3