यज्दी मीर खलीलुल्ला खाँ
यज्दी मीर खलीलुल्ला खाँ
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 307 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | गफ्रुान बे |
यज्दी मीर खलीलुल्ला खाँ कदाचित् इमाम मूसा काजिम का वंशज। यह किरमान का रहनेवाला था। यह महान साहित्यिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था। इसकी लिखी पुस्तकों की संख्या ५०० बताई जाती हैं। इसी कारण इसके शिष्य भी बहुत थे। अहमदशाह बहमनी ने भी इसकी शिष्यता स्वीकार कर ली थी। इसके साहित्यिक गुणों के कारण इसके पुत्र और पौत्रों को अनेक राजाओं के यहाँ संमान प्राप्त हुआ था। ऐसा माना जाता है कि 18 वीं शताब्दी तक इसके वंशज यज्द नगर में बसे रहे। मीर खलीलुल्ला खाँ यज्दी की मृत्यु 727 हिजरी (734ई.) में हुई।
टीका टिप्पणी और संदर्भ