रिचार्ड अबेग
रिचार्ड अबेग
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 172 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. विंंन्ध्यवासिनी प्रसाद |
अबेग रिचार्ड अबेग (1869-1910) ब्रेस्लाव में प्रोफेसर तथा प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। इनका जन्म डेनज़िग तथा प्रशिक्षण बर्लिन में हुआ था। थोड़ी आयु से ही वैज्ञानिक कार्यों में इनकी बहुत रुचि थी और अपने घर में इन्होंने एक छोटी सी प्रयोगशाला भी बना ली थी, जिसको इनकी माँ, रासायनिक पदार्थो की दुर्गध के कारण, पसंद नहीं करती थी। आगे चलकर बड़े-बड़े वैज्ञानिकों, जैसे ओस्टवाल्ड तथा अर्रहिनियस, के संपर्क में आने का इनको अवसर मिला। इन्होंने अपनी सैनिक शिक्षा के अवसर पर गुब्बारे की उड़ान में भाग लेते रहे; इसी में इन्हें अपनी जान भी गँवानी पड़ी।
भौतिक रसायन के कई विषयों पर इन्होंने अनुसंधान किया। अबेग विख्यात लेखक भी थे। ये 'हैंडबुक डर एनार्गैनिशेन् केमी' तथा 'साइट्सश्रिफ़्ट फ़ूर इलेक्ट्रोकेमी' नामक पत्रिका के संपादक थे।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सं.गं._ हेनरी मॉन माउथ स्मिथ : टॉर्च बेअरर्स ऑव केमिस्ट्री; डब्ल्यू. रैमज़े : जर्नल ऑव केमिकल सोसाइटी (1911)