विलियम स्टानले जेवन्स

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लेख सूचना
विलियम स्टानले जेवन्स
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5
पृष्ठ संख्या 42-43
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेवसहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1965 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक स्वर्गीय दयाशंकर दुबे

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विलियम स्टानले जेवन्स 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेजी अर्थशास्त्री थे। इनका जन्म सन्‌ 1835 में लिवरपूल में हुआ। पिता टामस जेवन्स लोहे की वस्तुओं के प्रसिद्ध व्यापारी थे। केवल 17 वर्ष की उम्र में ही जेवन्स ने विशेष योग्यता के साथ मेट्रिकुलेशन परीक्षा उत्तीर्ण की। कार्य करने की अच्छी योग्यता के कारण ही इन्हें तुरंत आस्ट्रेलिया की टकसाल की नौकरी मिल गई। वहाँ 5 वर्ष कार्य करने के पश्चात्‌ इंगलैंड लौटकर ये विश्वविद्यालय में भरती हो गए। सन्‌ 1862 में एमo एo की परीक्षा उत्तीर्ण कर इन्होंने स्वर्णपदक प्राप्त किया। सन्‌ 1866 ई0 में मैंचेस्टर के ओवेन्स कालेज में दर्शन एवं तर्कशास्त्र के प्राध्यापक नियुक्त हुए और 1872 में ये ब्रिटिश रायल सोसायटी के सदस्य चुने गए। 1875 में लंदन युनिवर्सिटी कालेज में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक नियुक्त हुए, जहाँ वे जीवन के अंत तक रहे। 47 वर्ष की उम्र में इनका स्वर्गवास हो गया। इनके सुपुत्र हरबर्ट स्टानले जेवन्स भी प्रथम श्रेणी के अर्थशास्त्री थे। हरबर्टं जेवन्स प्रयाग विश्वविद्यालय में सन्‌ 1914 से 1923 तक अर्थशास्त्र के प्राध्यापक रहे।

विलियम स्टीनले जेबन्स ने अर्थशास्त्र के कई महत्वपूर्ण प्रश्नों को हल किया। उस समय के अर्थशास्त्री वस्तुओं के मूल्य-निर्धारण के संबंध में वस्तुओं के लागत खर्च तथा पूर्ति पर ही विशेष ध्यान देते थे। जेवन्स ने अकाट्य तर्कों द्वारा यह सिद्ध किया है कि वस्तुओं की सीमांत उपयोगिता का मूल्य निर्धारण पर उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना कि लागत खर्च एवं पूर्ति का। इस प्रकार जेवन्स ने मूल्य-निर्धारण में वस्तुओं की मांग का उसमें उचित स्थान दिखाने एवं अर्थशास्त्र के सिद्धांतों का पुननिंर्माण करने में विशेष योग दिया।

जेवन्स का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य सूर्य के काल धब्बों के प्रभाव का अन्वेषण करना है। दूरवीक्षण यंत्र के द्वारा उन्होंने यह पता लगाया कि सूर्य के काल धब्बे जो घटते बढ़ते हैं, एक निश्चित क्रम के अनुसार ही घटते बढ़ते हैं। जेवन्स ने वस्तुओं के घटबढ़ के संबंध में भी आँकड़े एकत्रित किए तथा दोनों की तुलना की और उन्होंने दोनों में विशेष संबंध पाया। जेवन्स के इस अन्वेषण के अनुसार यह पता लगा कि जिस वर्ष सूर्य के काले धब्बों में वृद्धि होती है उस वर्ष पानी कम बरसता है जिससे फसल में कमी हो जाती है और वस्तुओं का मूल्य बढ़ जाता है। इस प्रकार जेवन्स ने वस्तुओं की कीमतों के घटबढ़ का संबंध सूर्य के काले धब्बों की घटबढ़ से स्थापित किया।

जेवन्स ने उस समय के सामयिक विषयों पर तथा मुद्रा संबंधी समस्याओं एवं राज्य द्वारा मूल्य-नियंत्रण आदि विषयों पर भी अपने विचार प्रकट किए। जेवन्स अर्थशास्त्री ही न थे परंतु उच्चकोटि के तर्कशास्त्री भी थे। उन्होंने तर्कशास्त्र पर कई ग्रंथ लिखे। उनके प्रधान ग्रंथ निम्नलिखित हैं:

  1. प्राइमर ऑव पालिटिकल इकानोमी
  2. प्रिंसिपिल्स ऑव इकानामिक्स
  3. मनी
  4. दि स्टेट इन रिलेशन टु लेबर

टीका टिप्पणी और संदर्भ