स्टेफ़ेन क्रेन
स्टेफ़ेन क्रेन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 219 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
स्टेफ़ेन क्रेन (1871-1900 ई.)। अमरीकी लेखक। इसका जन्म 1 नवंबर, 1871 ई. को एक पादरी के घर नेवार्क (न्यू जर्सी) में हुआ था। उसने लाफैटे और साइराक्यूज विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की किंतु कोई डिगरी नहीं ली। पत्रकारिता से जीवन आरंभ किया। उसका पहला उपन्यास ‘मैगी : ए गर्ल ऑव द स्ट्रीट्स’ छद्मनाम से प्रकाशित हुआ। दूसरी कृति 1895 ई. में ‘द रेड बैज ऑव करेज’ प्रकाशित होते ही वह ख्याति के शिखर पर पहुँच गया। उसकी इस रचना का अनेक लोगों ने अनुकरण किया है। इसमें अमरीकी गृहयुद्ध की साहसिकता का अद्भुत मनोवैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। जिन दिनों क्रेन ने इस उपन्यास को प्रकाशित किया था वह युद्ध से नितांत अपरिचित था, युद्ध देख पाने का उसे कोई अवसर नहीं मिला था फिर भी वह लहू से सराबोर दिखाई पड़ता हैं। सैनिकों का चित्रण इतना सजीव और विश्वसनीय है कि उसे देखकर कतिपय अमरीकी और अंगरेजी पत्रों ने उसे तत्काल अपना युद्ध संवाददाता नियुक्त कर लिया। वह यूनान-तुर्की युद्ध में क्यूबा के विध्वंसक अभियान में सम्मिलित हुआ। जिस जहाज से वह यात्रा कर रहा था वह टूट गया फलत: फ्लोरिडा वापस आने में उसे अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसने इस दुर्घटना की अनुभूतियाँ ‘द ओपेन बोट’ शीर्षक कहानी में अंकित की हैं जिसे एच. जी. वेल्स ने अँगरेजी भाषा की सर्वोतम कहानी बताया है। इस दुर्घटना का उसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ा। वह क्षय रोग से ग्रस्त हो गया और 5 जून, 1900 ई. के उसकी मृत्यु हो गई।
क्रेन की रचनाएँ तीन तरह की हैं-----(1) उपन्यास, (2) कहानी और रेखाचित्र तथा (3) कविताएँ। कथाकार के रूप में अमरीकी यथार्थवादी लेखकों के प्रारंभकालिक लेखकों में उसे अग्रण्य माना जाता है। उसकी अनेक कहानियाँ चिरस्थायी मूल्य रखती हैं। मुक्तकाव्य की रचना अमरीका में उसने आरंभ की। उसकी गणना अमरीका सर्वोत्तम लेखकों में की जाती हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ