ह्मू क्लैपरटन
ह्मू क्लैपरटन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 243 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
ह्यू क्लैपरटन (1788-1827)। अफ्रीका के भूभागों का अन्वेषी स्काटलैंड निवासी। डम्फ्रशीशायर के अन्नान नामक स्थान में जन्म। कुछ दिनों तक व्यापारिक जहाजों पर नौकरी करने के बाद नौसेना में भर्ती हुआ। 1817 में लेफ्टिनेंट बनकर घर लौटा। 1820 में आडने और डेनहेम बोर्नू की खोज के लिए जिस सरकारी अभियान में जा रहे थे, उसमें उसने भाग लिया। बोर्नू के बाद वे नाइग प्रदेश की खोज में निकले। मर्मर में जब आडने की मृत्यु हो गई तब क्लैपरटन कानो और सोकोटा की खोज में निकला और जातिया और काटसेन होता कूका लौटा। उसने 1826 में अपनी इस यात्रा के खोजों का विवरण प्रकाशित किया।
इस अन्वेषण यात्रा से लौटते ही क्लैपरटन को कमांडर का पद दिया गया और अन्वेषण करने के लिये पुन: अफ्रीका भेजा गया। वह बैडाग्री में उतरकर नाइगर प्रदेश के लिये रवाना हुआ। योरुबा प्रदेश होता हुआ उसने बुसा के निकट नाइगर को पार किया और कानों आया। वहाँ से बोर्नू जाने के लिये सोकोतो आया। वहाँ के सुल्तान ने उसे कैद कर लिया। 13 अप्रैल, 1827 को पेचिश से उसकी मृत्यु हो गई।
क्लैपरटन पहला यूरोपियन था जिसने अर्ध सभ्य हौसा प्रदेश का आँखों देखा परिचय दिया। मृत्युपरांत उससे दूसरी अफ्रीका यात्रा का वृत्त प्रकाशित हुआ। इस वृत्त को उसका नौकर लैंडर लाया था। लैंडर ने इसके अतिरिक्त क्लैपरटन के कुछ समय अन्य अन्वेषण संबंधी लेखों को अपनी अभियान यात्रा वृत्त के साथ प्रकाशित किया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ