अंतिओक

अद्‌भुत भारत की खोज
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लेख सूचना
अंतिओक
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 52
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भगवतीशरण उपाध्याय।

अंतिओक पश्चिमी एशिया में इस नाम के अनेक नगर लबुएशिया तक बसते चले गए थे। इनमें सबसे महत्व का नगर सीरिया में था जो लेबनान और तोरस पर्वतमालाओं के बीच, सागर से प्राय २० मील दूर ओरोंतीज़ नदी के बाएँ तीर पर बसा। लघु एशिया, फरात की उपरली घाटी, मिस्र और फिलिस्तीन से आने वाली सारी राहें यहीं मिलती थीं और यहीं उन सबके व्यापार का केंद्र था। यह सिकंदर के साम्राज्य की सेल्यूकस के हिस्से की राजधानी था। सेल्यूकस ने ही इस नगर को वस्तुत बसाया भी था जिसके निर्माण का आरंभ उसी के शत्रु अंतिगोनस ने किया था। धीरे-धीरे नगर का विस्तार होता गया था और चौथी सदी ईसवी में इसकी जनसंख्या प्राय ढाई लाख हो गई थी। बाद में रोमनों ने इसे जीत लिया। इसका वर्तमान नाम अताक्या है। आज के इस तुर्की नगर की भाषा भी तुर्की है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ