अक्रोपोलिस
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अक्रोपोलिस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 68 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | ओंकारनाथ उपाध्याय । |
अक्रोपोलिस इसका शाब्दिक अर्थ नगर का ऊर्ध्व भाग है। प्राचीन यूनानियों ने रक्षा की दृष्टि से नगरों की रचना अधिकतर ऊँची खड़ी पहाड़ियों पर की थी। कालांतर में ये ही स्थल बड़े नगरों के केंद्र बन गए। नगरों का विस्तार उन्हीं के चारों ओर और नीचे होता चला गया। पहले इस शब्द का प्रयोग केवल एथेंस, अरगोस, थीबिज, कोरिंथ आदि के लिए होता था, पर बाद में ऐसे सभी नगरों के लिए होने लगा। इनमें सबसे अधिक ख्याति एथेंस के अक्रोपोलिस की है ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
(द्र. एथेंस)