अजयगढ़
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अजयगढ़
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 83 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नंदलाल । |
अजयगढ़ मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक तहसील तथा नगर है, जो 24° 54¢ उ. अ. तथा 80° 18¢ पू. दे. पर पुराने किले के पास स्थित है। पहले यह एक देशी राज्य था जो दो अलग-अलग प्रांतों में बँटा था- एक अजयगढ़ तथा दूसरा मैहर के आसपास। यह विंध्याचल पर्वत की मध्य श्रेणियों के बीच पड़ता है। इसके आसपास सागौन तथा तेंदू के वृक्षों के घने जंगल हैं। यहाँ की मुख्य नदियाँ केन तथा उसकी सहायक बैरमा हैं। सामान्य वार्षिक वर्षा 45¢ ¢ है। यहाँ की लगभग 40 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। गेहूँ, चावल, जौ, चना, कोदो, ज्वार तथा कपास मुख्य उपज हैं। परिवहन के साधनों की कमी तथा भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ पर कोई व्यापार नहीं हो पाता। मुख्य बोली बुंदेलखंडी है तथा निवासियों की जातियाँ बुंदेला राजपूत, ब्राह्मण, काछी, चमार, लोधा, अहीर या गोंड हैं। यहाँ का किला (जयपुर दुर्ग) समुद्र तल से 1,744¢ की ऊँचाई पर केदार पर्वत के ऊपर स्थित है। यह नवीं शताब्दी में बनाया गया था। इसमें अब केवल सुंदर नक्काशी के मंदिरों के कुछ अंश बच गए हैं। इस पहाड़ की चोटी पर स्वच्छ पानी के कई तालाब भी हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ