अधिराजेंद्र चोड
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अधिराजेंद्र चोड
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| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
| पृष्ठ संख्या | 101 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | भगवती शरण उपाध्याय । |
अधिराजेंद्र चोड यह चोड राजा वीरराजेंद्र चोड का पुत्र था, जो लगभग 1017 ई. में उसके मरने पर चोडमंडल का राजा हुआ। तीन वर्ष वह युवराज के पद पर रहा था और युवराज का पद चोडों में बड़ी कार्यशीलता का था। वह राजा का निजी सचिव भी होता था और सर्वत्र उसका प्रतिनिधान करता था। अधिराजेंद्र चोड का शासनकाल बहुत थोड़ा रहा। राज्य में काफी उथल-पुथल थी और अपने संबंधी (बहनोई) विक्रमादित्य षष्ठ की सहायता के बावजूद वह राज्य की स्थिति न सँभाल सका और मारा गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ