अनाक्रिओन

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लेख सूचना
अनाक्रिओन
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 113
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक 1 भगवतीशरण उपाध्याय।

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अनाक्रिओन (जन्म, लगभग 560 ई. पू.), एशिया माइनर के तिओस नगर का निवासी। ईरानी सम्राट् कुरुष्‌ के आक्रमण से अन्य नगरवासियों के साथ ्थ्रोस भागा। फिर वह सामोस के राजा पोलिक्रतिज़्‌ का अध्यापक बना। वह प्राचीन ग्रीक भाषा का महान्‌ गेय (लिरिक) कवि था। उसने अपने इस सामोस के संरक्षक पर अनेक कविताएँ लिखीं। अपने संरक्षक की मृत्यु के बाद एथेंस के राजा हिपार्चस्‌ के आह्वान पर वह वहाँ पहुँचा। वहाँ अपने संरक्षक की हत्या के बाद वह मित्रकवि सिमोनीदिज़ के साथ नगर नगर घूमता अपने जन्म के नगर जिओस पहुँचा जहाँ लगभग 85 वर्ष की आयु में उसकी मृत्यु हुई। वह लोकप्रिय जनकवि था और एथेंस्‌ में उसकी मूर्ति स्थापित हुई। हाथ में तंत्री लिए सिंहासन पर बैठी उसकी संगमरमर की एक मूर्ति 1835 ई. में पाई गई थी। तिओस नगर के अनेक सिक्कों पर उसकी तंत्रीधारिणी आकृति ढली मिली है।

अनाक्रिओन मधुर गायक था, ऐसा लिरिक कवि जिसे प्रसिद्ध लातीनी कवि होरेस ने अपना आदर्श माना है। अनाक्रिओन की अनेक पूर्ण-अपूर्ण कविताएँ संकलित हुई जिनकी सत्यता की संदिग्धता उसके गौरव को बढ़ा देती है। उसने अधिकतर कविताएँ सुरा, दियोनिसस्‌ आदि पर लिखीं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ