अनार्तव
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अनार्तव
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| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
| पृष्ठ संख्या | 115 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | मुकुन्दस्वरूप वर्मा । |
अनार्तव उस दशा का नाम है जिसमें स्त्रियों को उनके प्रजनन काल में, या मासिक स्राव नहीं होता। यह दशा शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारणों से उत्पन्न हो सकती है। अंत:स्रावी ग्रथियाँ तथा प्रजनन अंगों के विकार और अन्य शरीरिक रोग भी इस दशा को उत्पन्न कर सकते हैं। चिकित्सा से यह दशा सुधर सकती है, परंतु इसके लिए इस दशा के कारण का पूर्ण अन्वेषण आवश्यक है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
विशेष द्र. 'आर्तव'।