अबादान
| चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
अबादान
| |
| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
| पृष्ठ संख्या | 162,63 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | नरेंद्र लाल । |
अबादान शत्तुलअरब (ईरान) के डेटा में अबादान नामक द्वीप तथा इसी नाम का एक नगर भी है (स्थिति : 30रू 21' उ.अ. 48रू 17' पू.दे.)। अबादान द्वीप अरबों में जज़िरतुलखिधर के नाम से प्रसिद्ध है। बाहमिशिर नदी के किनारे उस नाम के फकीर का मकबरा बना है। 1909 में ऐंग्लो ईरानियन ऑयल कंपनी लिमिटेड ने इस द्वीप के बारिम बबरदाह गाँवों में अपने तेल की पाइप लाइन का स्टेशन स्थापित किया जाए अब अबादान के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ से तेल का निर्यात तथा मशीनों का आयात होता है। यहाँ से मोहमेरा (9 मील) तक और यहीं से अहवाज (68) तथा उसके आगे 68 मील पर स्थित मस्जिद सुलेमान तक सड़क गई है। जनसंख्या 2,70,726 (1966) है।
|
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ