अभिव्यक्ति
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अभिव्यक्ति
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| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
| पृष्ठ संख्या | 185 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | डॉ. शभुनाथ उपाध्याय |
अभिव्यक्ति का अर्थ विचारों के प्रकाशन से है। व्यक्तित्व के समायोजन के लिए मनोवैज्ञानिकों ने अभिव्यक्ति को मुख्य साधन माना है। इसके द्वारा मनुष्य अपने मनोभावों को प्रकाशित करता तथा अपनी भावनाओं को रूप देता है। वर्तमान युग में मनोविश्लेषण शास्त्र के विद्वानों ने व्यक्ति की अतृप्त इच्छाओं की अभिव्यक्ति के लिए कई विधियाँ बताई हैं। उनका कहना है कि विकृत मन को शांति देने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है कि किसी भी प्रकार की कोई क्षति उसे ऐसा करने से रोके नहीं। इस कार्य के लिए आज पाश्चात्य देशों में एक नवीन मानसशास्त्र का जन्म हो गया है तथा उसका प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात लोग व्यक्ति की समस्याओं को वैज्ञानिक ढंग से सुलझाने में प्रयत्नशील हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ