अरगोल
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अरगोल
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| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
| पृष्ठ संख्या | 216 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | डॉ. नामवर सिंह |
अरगोल अंगूर से शराब किण्वन द्वारा बनाते समय पीपों के चारों ओर जो कठोर तह जम आती है उसे अरगोल या टार्टार कहते हैं। यह मुख्यत: पोटैसियम हाइड्रोजन टार्टरेट होता है। अरगोल, टार्टरिक अम्ल बनाने के काम आता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ