आंतिगोनस कीक्लोप्स
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आंतिगोनस कीक्लोप्स
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 327 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. बैजनाथ पुरी |
आंतिगोनस कीक्लोप्स (ई.पू. 382-301) सिकंदर का एक सेनापति जिसने युद्ध में एक आँख खोकर 'कीक्लोप्स' की उपाधि प्राप्त की। यह मकदुनिया का निवासी था और सिकंदर के साम्राज्य विभाजन से उसे फ्रगिया, लीसिया और पैंफीलिया के प्रांत मिले। पर्दिकस की मृत्यु के पश्चात् उसे सुसीयाना भी मिल गया। यूमेनेस के विरुद्ध युद्ध में उसने आंतिपातर, आंतिगोनस तथा अन्य यूनानी सेनापतियों को हराया। पश्चिमी एशिया पर अधिकार होने पर उसे सिंकदर द्वारा लूटा हुआ ईरानी राजकोष सूसा में प्राप्त हुआ। इसकी बढती हुई शक्ति को तालमी, सेल्यूकस तथा अन्य यूनानी सेनापतियों ने मिलकर रोकना चाहा। आँतिगोनस उसके विरुद्ध सफल हुआ और उसने सम्राट् की पदवी धारण की। ई.पू. 301 में इप्सस के युद्ध में इसे वीरगति प्राप्त हुई। यह कला और साहित्य का प्रेमी था। इसका नाम मोनो कथाल्मस भी है।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सं.ग्रं.-केंब्रिज प्राचीन इतिहास, भाग 6;