आपुलेइयस
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आपुलेइयस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 383 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. भोलानाथ शर्मा |
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आपुलेइयस् लूकियस रोमन दार्शनिक और कथाकार। इसका जन्म नुमिदिया प्रदेश के मदौरा नामक स्थान पर लगभग 125 ई. में हुआ और इसने कार्थेज और एथेंस में शिक्षा पाई। कुछ समय रोम में वकालत करने के पश्चात् इसने त्रिपोली में एक धनी विधवा इमीलिया से विवाह कर लिया। उसके संबंधियों ने इसपर अभियोग चलाया। उसका शेष जीवन साहित्य रचना में व्यतीत हुआ। इसकी साहित्यिक कीर्ति का आधार 'रूपांतर अथवा सुनहरा गधा' है। इस कथा का नायक गधे के रूप में नाना प्रकार के अनुभव प्राप्त करता हुआ अंत में ईसिस् देवी की कृपा से पुन: मानवकृति प्राप्त कर लेता है और उसी देवी का पुजारी बन जाता है। यह हास्यरस की अत्यंत रोचक रचना है। आपुलेइयस् की अन्य रचनाएँ अफ़लातून और सुकरात के दर्शन सें संबंध रखती हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ