आमोस

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लेख सूचना
आमोस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 394
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक रेवरेंड कामिल बुल्के

आमोस (लगभग 750 ई. पू.)। आमोस के उपदेशों का सग्रंह बाइबिल में सुरक्षित है और आमोस का ग्रंथ कहलाता है। ये बारह गौण नबियों में से हैं। ईश्वर की प्रेरणा से उन्होंने मूर्तिपूजा के कारण यहूदी के नारा की नबूबत की थी; इसलिए इनको 'सर्वनाश का नबी' कहा गया है। ये साधारण शिक्षाप्रापत एवं स्पष्टवादी ग्रामीण थे। इन्होंने अन्याय, धनिकों, द्वारा दरिद्रों के शोषण तथा धर्म में निर्जीव कर्मकांड की निंदा की है।[१]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सं.ग्रं.-थेईज, जे.: देर प्राफेट आमोस, बॉन, 1937।