आयरलैंड
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आयरलैंड
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 397 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | उजागर सिंह |
आयरलैंड ग्रेट ब्रिटेन के पश्चिम में एक बड़ा द्वीप है जो 51° 26' उ.अ. से 55° 21' उ.अ. तक और 5° 25' प.दे. से 10° 31' प.दे. विस्तृत है।
धरातल-इस द्वीप का उत्तरी एवं दक्षिणी भाग पहाड़ी है, मध्य में एक चौड़ा निचला मैदान है। पर्वतमालाओं का क्रम घाटियों, निचले मैदानों तथा नीची भूमि के कारण स्थान-स्थान पर टूट गया है। अत: द्वीप का धरातल भिन्न-भिन्न भौगोलिक इकाइयों में विभाजित है, जिनकी भूरूपता में विभिन्नता मिलना स्वाभाविक है।
हिमकालीन युग में कुछ ऊँचे पहाड़ी स्थलों को छोड़कर संपूर्ण आयरलैंड बर्फ से ढका था, अत: साधारणतया ढोंके मिश्रित चिकनी मिट्टी (बोल्डर क्ले), हिम-नदी-जनित बजरी (ग्लेशियल ग्रैवेल) आदि मध्य के मैदान में हर स्थान पर मिलती हैं। पहाड़ों के चारों और हिमोढ (मोरेंस) मिलते हैं। इस प्रकार समुद्रतल से 1,200 फुट तक की दो तिहाई भूमि हिमनद (ग्लेश्यिर) द्वारा निर्मित है।
मध्य का मैदान चुनहे पत्थर (लाइमस्टोन) का बना हुआ है; यह इतना नीचा तथा समतल है कि स्थान स्थान पर जलतल (वाटर टेबुल) धरातल तक पहुँच जाता है; फलस्वरूप अनेक बड़ी बड़ी झीलें निर्मित हो गई हैं। कभी कभी इन झीलों का जलभांडार इतना अधिक हो जाता है कि आसपास की कई एक झीलें मिलकर निकटवर्ती मैदानी भाग को ढँक लेती हैं। साधारणतया आयरलैंड का भाग जलमग्न रहता है जिसमें सड़ी घास के दलदल मिलते हैं। औसत रूप में आयरलैंड के क्षेत्रफल में पीट मिलता है। पहाड़ों पर तो पीट हर एक स्थल पर मिलता है। आयरलैंड जैसे वृक्षविहीन एवं कोयलाविहीन देश के लिए पीट अत्यंत आवश्यक वस्तु हैं। हर एक घर में इसका उपयोग ईधन के रूप में होता है।
जलवायु-यहाँ की जलवायु पश्चिमी यूरोपीय प्रकार की है; समुद्र के प्रभाव के कारण जाड़े एवं गर्मी के ताप में बहुत अंतर नहीं होता। उदाहरणस्वरूप वार्लेशिया का ताप जनवरी में 44.3° फा. तथा जून में 59° फा. के लगभग रहता है। वर्षा वर्षभर होती है, ऊँचे पहाड़ों पर 80" तक तथा मैदानों में 30" से 40" तक।
उद्यम एवं उत्पादन-प्रकृति ने आयरलैंड को पशुपालन के लिए अधिक उपयुक्त बनाया है, अत: 18वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही इस देश ने कृषि की अपेक्षा पशुपालन को अधिक महत्व दिया। यही कारण है कि कृषि भूमि की अपेक्षा चरागाहों का क्षेत्रफल अधिक है। जोतवाली भूमि का क्षेत्रफल 30,95,770 एकड़ से 12,47,865 एकड़ गिर गया तथा चरागाह का क्षेत्रफल 87,52,565 एकड़ से 1,24,59,752 एकड़ बढ़ गया। इसी प्रकार 1841 ई. में पशुओं की संख्या प्रति हजार मनुष्य पीछे 225 थीं; 1947 ई. में यह संख्या 1,154 तक पहुँच गई। 1968-69 में कुल पशुओं की संख्या इस प्रकार थी-दुधारु गाएँ 2,10,000; मांस के लिए गाएँ 2,20,000; प्रजनन के लिए सुअरी 1,19,000; कुल सुअरों की संख्या 10,87,000; तथा कुल मुर्गे मुर्गी 1,31,95,000। फसलों में जई एवं आलू मुख्य हैं। जई की खेती घोड़ों को खिलाने के निमित प्रत्येक किसान करता है। आलू यहाँ की मुख्य खाद्य वस्तु है। जौ तथा फ्लैक्स (सनई की तरह का पौधा) सीमित क्षेत्रों में ही बोए जाते हैं।
ग्रामीण जीवन-आयरलैंड सदैव से छोटे-छोटे कृषकों का देश रहा है। यद्यपि खेतों की नाप को बढ़ाने का बार बार प्रयत्न हुआ है, तथापि आज भी दो तिहाई खेतों का क्षेत्रफल 30 एकड़ से अधिक नहीं है। अनेक लोगों का विदेश जाकर जीवननिर्वाह करना आवश्यक हो जाता है; 19वीं शताब्दी में लाखों व्यक्ति प्रति वर्ष देश छोड़ते थे। अब प्रवासी व्यक्तियों की संख्या अपेक्षाकृत कम हो गई। अत: आयरलैंड की समस्या जनसंख्या की वृद्धि नहीं, हास है।
नागरिक जीवन-ग्रामीण क्षेत्रों में जीवननिर्वाह के साधनों की कमी के कारण अधिकतर जनता समुद्रतट के बड़े बड़े नगरों तथा बंदरगाहों में निवास करती है। आयरलैंड के छह बड़े नगरों डबलिन (जनसंख्या 5,68,772), बेलफास्ट (जनसंख्या 3,98,405), कार्क (जनसंख्या) 1,22,146), लिमरिक (जनसंख्या 55,912), लंदनडेरी (जनसंख्या 55,694) तथा वाटरफोर्ड (जनसंख्या 29,842) में देश की पंचमांश जनता निवास करती है। भीतरी भाग के नगर आकार में प्राय: छोटे हैं और उनकी जनसंख्या 10,000 से अधिक नहीं है।
व्यापार-आयरलैंड का व्यापारिक जीवन ब्रिटिश द्वीपसमूह से अधिक संबद्ध है। यहाँ की राष्ट्रीय संपत्ति अंग्रेजी बाजार के चढ़ाव उतार के अनुसार बढ़ती घटती है। आयरलैंड ग्रेट ब्रिटेन को पशु तथा उनसे उत्पन्न वस्तुएँ-मक्खन, पनीर, संघनित दुग्ध, अंडे, आलू, सूअर का मांस आदि भेजता है। यहाँ के आयात में ग्रेट ब्रिटेन का करीब 80 प्र.श. भाग रहता है। वहाँ से कोयला, कपड़ा, आटा, खाद तथा मशीनें आदि आती हैं।
आइरिश फ्री स्टेट एवं उत्तरी आयरलैंड-आयरलैंड राजनीतिक एवं आर्थिक दृष्टि से ग्रेट ब्रिटेन का एक अविच्छिन्न भाग था, परंतु सदियों से चलते हुए राष्ट्रीय आंदोलन के फलस्वरूप 1921 ई. में आइरिश फ्री स्टेट का जन्म हुआ जिसकी राजधानी डबलिन (जनसंख्या 1966 में 5,68,772) है। आइरिश फ्री स्टेट का वर्तमान क्षेत्रफल 26,600 वर्ग मील तथा जनसंख्या 28,84,002 (1966) है। उत्तरी आयरलैंड का उत्तरी पूर्वी भाग (क्षेत्रफल 5,238) वर्ग मील; जनसंख्या 14,84,775 (1966) अब भी ग्रेट ब्रिटेन का राजनीतिक अंग है। बेलफ़ास्ट इसकी राजधानी है। आयरलैंड के राष्ट्रीय आंदोलन के पीछै धार्मिक भावना मुख्य थी। यहाँ के अधिकांश लोग (93.4 प्र.श.) रोमन कैथोलिक हैं। उत्तरी आयरलैंड के कुछ भागों में भी कैथोलिकों की संख्या अधिक है। इन भागों को भी फ्री स्टेट अपनी सीमा के अंतर्गत मिलाने की माँग करती है। यहाँ 1969 में पशुओं की संख्या इस प्रकार थी-ढोर 56,90,000; भेड़ (ऊनवाली) 40,06,200; भेड़ (दूधवाली) 11,15,500; घोड़े 1,24,900 तथा मुर्गे मुर्गी 1,03,34,600।
टीका टिप्पणी और संदर्भ