आरू
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 424 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नृपेंद्र कुमार सिंह |
आरू आस्ट्रेलिया और न्यूगिनी के बीच उथले आरागुरा समुद्र में द्वीपों का एक समूह है। यह तनवेसर नामक एक बड़े द्वीप तथा 90 छोटे-छोटे द्वीपों को मिलकार बना है। ये द्वीप 5° 18' दक्षिणी अक्षांश से 7° 5' दक्षिणी अक्षांश और 13° पूर्वी देशांतर से 135° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित हैं। इन द्वीपों का क्षेत्रफल 3,244 वर्ग मील है। बनवेसर तीन संकरी शाखाओं द्वारा बंटा हुआ है। सभी द्वीपों की ऊँचाई कम है। ये द्वीप मूंग के बने हैं और जंगलों से ढंके हैं। तटीय भाग दलदली है। यहाँ की वनस्पति मुख्यत: केतकी (स्क्रू पाइन), नारियल और ताड़ के पेड़ हैं। यहाँ की उपज साबूदाना, नारियल, ईख, मक्का, तंबाकू तथा सुपारी है। यहाँ पर मोती निकालना तथा शार्क मछली का शिकार भी मुख्य पेशे हैं। इस द्वीपसमूह का पता 1606 ई. में डच लोगों को लगा और 1623 ई. में इस पर उन लोगों का अधिकार हो गया। यह सन् 1947 ई. के चेरीलून समझौते के अनुसार इंडोनेशिया के अधिकार में आ गया है। यहाँ की राजधानी तथा बंदरगाह डोबो है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ