आरेंज फ्री स्टेट
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आरेंज फ्री स्टेट
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 424 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री शिवमंगल सिंह |
आरेंज फ्री स्टेट दक्षिण अफ्रीकी संघ का राज्य। इसके उत्तर एवं पश्चिम में टाँसवाल, दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व में केप कालोनी तथा पूर्व वसूतोलैंड और नैटाल हैं। इसका क्षेत्रफल 49,866 वर्ग मील तथा जनसंख्या 4,72,359 (1970) है। ब्लूमफांटेन यहाँ की राजधानी हे। राज्य का अधिकतर भाग कहीं ऊँचा, कहीं नीचा मैदान है। समुद्रतट की अपेक्षा ऊँचाई 4,000 से 5,000 फुट तक घटती बढ़ती है। वर्ष भर जलप्लावित रहनेवाली मुख्य नदियां वाल तथा आरेंज हैं, किंतु झरनों तथा उथलेपन के कारण ये यातायात के लिए उपयोगी नहीं हैं। वैसे तो देश स्वास्थ्यप्रद है, परंतु ग्रीष्म ऋतु में भीषण आंधियां आती हैं। शीत ऋतु बहुत ठंडी रहती है। नदियों के किनारे उच्च भूमि पर झाऊ (विलो) के जंगल मिलते हैं। यहाँ के पशु अफ्रीका के बेल्ट भाग के पशुओं के ही समान हैं।
हीरे जवाहरात तथा जिप्सम के उत्पादन में इस राज्य का स्थान संघ में द्वितीय तथा कोयले के उत्पादन में तृतीय है। यहाँ पर कोयले का संचित कोष (रिजर्व) 1,00,00,00,000 टन का है। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट भरा पड़ा है। सन् 1946 ई. में ओंडेडाल जिले में सोने की खानों का भी पता चला।
राज्य का मुख्य धंधा कृषि एवं पशुपालन है। यहाँ पर अंगोरा भेड़, घोड़े, गाय, खच्चर तथा गधे पाले जाते हैं। मक्का यहाँ की मुख्य उपज है, दूसरे शस्य जौ, ओट, राई, गेहूँ, आलू और मूँगफली हैं। बड़े उद्योग धंधे यहाँ कम उन्नति पर हैं जिनमें मुख्य मांस उद्योग तथा दियासलाई आदि के उद्योग हैं।
श्वेत मानव के आने से पहले आरेंज नदी के उत्तर का भाग जुलू, बेचुआना तथा बुशमैन इत्यादि आदिवासियों के अधीन था। 1900 ई. में यह ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया गया तथा अंततोगत्वा दक्षिणी अफ्रीकी संघ का एक राज्य बन गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ