आरेकीपा
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आरेकीपा
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 424 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नृपेंद्र कुमार सिंह |
आरेकीपा पेरू देश का तीसरा शहर तथा इसी नाम के प्रदेश की राजधानी है। यह समुद्रतल से 7,600 फुट की ऊँचाई पर बसा है और मोलेंडी बंदरगाह से 100 मील दूर है। यह रायोचीली नदी की घाटी में दोनों किनारे पर बसा है तथा इसके पास ही एलमिस्ती नामक ज्वालामुखी पर्वत (ऊँचाई 19,167 फुट) है। 1868 ई. के भूकंप में इस नगर को बहुत क्षति पहुँची। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तथा गोरी स्पैनिश जातिवालों की यहाँ बस्तियाँ हैं। यहाँ की जलवायु शुष्क है। गर्मी में पाँच छह इंच वर्षा होती है। धार्मिक तथा व्यावसायिक दृष्टि से दक्षिणी पेरू का मुख्य केंद्र है। यहाँ का विश्वविद्यालय 1828 ई. में स्थापित हुआ था, जिसका नाम युनिवर्सिडैड नेशनल ड सैन आगस्टिन है। यहाँ ऊन साफ किया जाता तथा बाहर भेजा जाता है। यहाँ ऊन तथा कपास के सामान, चाकलेट और बिस्कुट के कारखाने, आटे की चक्कियाँ तथा मशीन बनाने के कारखाने हैं। पैन अमरीकी कंपनी के हवाई जहाज इसको लीमा, प्यूनो, मौलेंडो तथा अफ्रीका से संबद्ध करते हैं। यह अपने ठंडे तथा गर्म सोतों के लिए प्रसिद्ध है। 1970 ई. में इसकी आबादी 5,18,300 थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ