आर्कादियस
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आर्कादियस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 427 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | ओंमकार नाथ उपध्याय |
आर्कादियस (378-408), रोमन सम्राट् जो 315 ई. में रोम की गद्दी पर बैठा। उसी के समय रोमन साम्राज्य के दो भाग कर दिए गए। पश्चिमी साम्राज्य (गॉल और इटली) उसके भाई होनोरियस को मिला और पूर्वी साम्राज्य, जिसकी राजधानी विजांतियम बनी, स्वयं उसे मिला। दोनों भाइयों के बीच काफी दुर्भाव रहा और उसका लाभ गोथों ने खूब उठाया। उनके सरदार अलारिक ने ग्रीस को रौंद डाला। प्रसिद्ध पादड़ी जान क्रिसोस्तम, जिसने भारत के संबंध में भी लिखा है, तब पूर्वी साम्राज्य की राजधानी कों सतांतिनोपुल में ही था जहाँ से उसे सम्राज्ञी के विरोध के कारण चला जाना पड़ा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ