आर्च ड्यूक
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आर्च ड्यूक
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 430 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. मुहम्म्द अज़हर असगर अंसारी |
आर्च ड्यूक आस्ट्रिया के राजपरिवार का नाम। मध्यकालीन यूरोप में यह उपाधि बहुत ही कम लोगों को मिली। आर्च डयूक पालीतीन की उपाधि सबसे पहले डयूक रेडोल्फ चतुर्थ ने धारण की। उन्होंने यह पद अपनी मुहरों पर खुदवाया और अपने फर्मानों में भी लिखा। वे इस उपाधि का प्रयोग उस समय तक करते रहे जब तक चार्ल्स चतुर्थ ने उन्हें मना नहीं कर दिया। कानून के अनुसार यह पद हैब्सबर्ग के राजपरिवार को उस समय मिला जब 1453 ई. फ्रेडरिक तृतीय ने अपने पुत्र मैक्समिलन और उसके वंशजों को आस्ट्रिया के आर्च डयूक का पद दिया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ