आर्च बिशप

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लेख सूचना
आर्च बिशप
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 430
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक रेवरेंड कामिल बुल्क

आर्च बिशप ईसाई गिरजों में किसी प्रांत के मुख्य धर्माधिकारी को बिशप अथवा धर्माध्यक्ष की उपाधि दी जाती है (द्र. बिशप)। चौथी शताब्दी. में बड़े नगरों के बिशप आर्च विषशप, अर्थात महाधर्माध्यक्ष कहे जाने लगे। आज तक रोमन कैथोलिक, आरथेडाक्स ऐंग्लिकन तथा एकाध लूथरन गिरजों में आर्च बिशप की उपाधि का प्रयोग होता है। उदाहरणार्थ इंग्लैंड के चर्च में केवल दो आर्च बिशप होते हैं-कैंटरबरी और यार्क्‌ में। भरत में रोमन कैथोलिक चर्च में निम्नलिखित शहरों में आर्च बिशप रहते हैं-दिल्ली, कलकत्ता, बंबई, मद्रास, आगरा, नागपुर, बंगलोर, हैदराबाद, मदुराई, पांडीचेरी, वेरापोली, रांची, एरणाकुलम्‌ और त्रिवेंदम।


टीका टिप्पणी और संदर्भ