आल्बीनोवानस पेदो

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लेख सूचना
आल्बीनोवानस पेदो
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 449
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री भोलानाथ शर्मा

आल्बीनोवानस्‌ पेदो एक रोमन कवि जो संभवत: सम्राट् तिबेरियुस्‌ के समय में जीवित और सेनापति गेर्मनिकुस्‌ की सेना में नौकर थे। सेनापति गेर्मानिकुस्‌ के उत्तरीय सागर के अभियान के संबंध में इन्होंने एक महाकाव्य की रचना की थी जिसके खंडित अंश अब भी मिलते हैं। इनकी सूक्तियों की प्रशंसा मार्तियाल तक ने की है। एक थेसेइस्‌ नामक काव्य भी इन्होंने लिखा था। कहते हैं, ये अत्यंत रोचक कथाकार भी थे। उदाहरण स्वरूप इन्होंने अपने एक वाचाल पड़ोसी की हास्यपूर्ण कथा में कहा था कि वह अपने नाद से रात्रि को दिन में बदल देता था।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सं.ग्रं.-मैकेल: लैटिन लिटरेचर; डफ़: द राइटर्स ऑव रोम।