आस्ट्रिया
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आस्ट्रिया
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 468 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. कैलाशचंद्र सक्सेना |
आस्ट्रिया मध्य यूरोप के दक्षिणी पूर्वी भाग में एक छोटा गणतांत्रिक राज्य है। स्थिति: 10° 1¢ पू. से 16° 40¢ पू.दे. तथा 46° 32¢ उ. से 48° 55¢ उ.अ. के बीच। क्षेत्रफल 32,369 वर्ग मील (जिसमें 92.3 प्रतिशत भूमि पर्वतीय है); जनसंख्या 70,73,807 (1961)। आस्ट्रिया में पूर्वी आल्प्स की श्रेणियाँ फैली हुई हैं। इस पर्वतीय देश का पश्चिमी भाग विशेष पहाड़ी है जिसमें ओट्जरस्टुवार्ड, जिलरतुल आल्प्स (1,246 फुट) आदि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी भाग की पहाड़ियां अधिक ऊँची नहीं हैं। देश के उत्तर पूर्वी भाग में डैन्यूब नदी पश्चिम से पूर्व को (217 मील लंबी) बहती है। ईन, द्रवा आदि देश की सारी नदियां डैन्यूब की सहायक हैं। उत्तरी पश्चिमी सीमा पर स्थित कांस्टैंस, दक्षिण पूर्व में स्थित न्यूडिलर तथा अतर अल्फ गैंग, आसे आदि झीलें देश की प्राकृतिक शोभा बढ़ाती हैं।
आस्ट्रिया की जलवायु विषम है। यहां ग्रर्मियों में कुछ अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठंडक पड़ती है। यहां पछुआ तथा उत्तर पश्चिमी हवाओं से वर्षा होती है। आल्प्स की ढालों पर पर्याप्त तथा मध्यवर्ती भागों में कम पानी बरसता है। यहाँ की वनस्पति तथा पशु मध्ययूरोपीय जाति के हैं। यहाँ देश के 38 प्रतिशत भाग में जंगल हैं जिनमें 71 प्रतिशत चीड़ जाति के, 19 प्रतिशत पतझड़ वाले तथा 10 प्रतिशल मिश्रित जंगल हैं। आल्प्स के भागों में स्प्रूस (एक प्रकार का चीड़) तथा देवदारु के वृक्ष तथा निचले भागों में चीड़, देवदारु तथा महोगनी आदि जंगली वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आस्ट्रिया का प्रत्येक दूसरा वृक्ष सरो है। इन जंगलों में हिरन, खरगोश, रीछ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। 1969 में यहाँ ढोरों की संख्या 24,17,930; सुअर 31,96,474; भेड़ 1,21,190; बकरियाँउ 69,399; घोड़े 52,642 तथा मुर्गे 1,15,42,843 थीं।
देश की संपूर्ण भूमि के 29 प्रतिशत पर कृषि होती है तथा 30 प्रतिशत पर चारागाह हैं। जंगल देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, जो शेष भूमि को घेरे हुए है। लकड़ी निर्यात करनेवाले देशों में आस्ट्रिया का स्थान छठा है।
ईजबर्ग पहाड़ के आसपास लोहे तथा कोयले की खानें हैं। शक्ति के साधनों में जलविद्युत् ही प्रधान है। खनिज तैल भी निकाला जाता है। यहां नमक, ग्रैफाइट तथा मैगनेसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। मैगनेसाइट तथा ग्रैफाइट के उत्पादन में आस्ट्रिया का संसार में क्रमानुसार दूसरा तथा चौथा स्थान है। तांबा, जस्ता तथा सोना भी यहां पाया जाता है। इन खनिजों के अतिरिक्त अनुपम प्राकृतिक दृश्य भी देश की बहुत बड़ी संपत्ति हैं।
आस्ट्रिया की खेती सीमित है, क्योंकि यहां केवल 4.5 प्रतिशत भूमि मैदानी है, शेष 92.3 प्रतिशत पर्वतीय है। सबसे उपजाऊ क्षेत्र डैन्यूब की पार्श्ववर्ती भूमि (विना का दोआबा) तथा वर्जिनलैंड है। यहां की मुख्य फसलें राई, जई (ओट), गेहूँ, जौ तथा मक्का हैं। आलू तथा चुकंदर यहां के मैदानों में पर्याप्त पैदा होते हैं। नीचे भागों में तथा ढालों पर चारेवाली फसलें पैदा होती हैं। इनके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में तीसी, तेलहन, सन तथा तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में पशुपालन होता है तथा यहाँ से वियना आदि शहरों में दूध, मक्खन तथा पनीर पर्याप्त मात्रा में भेजा जाता है। जोरारलबर्ग देश का बहुत बड़ा संघीय पशुपालन केंद्र है। यहां बकरियां, भेड़ें तथा सुअर पर्याप्त पाले जाते हैं जिनसे मांस, दूध तथा ऊन प्राप्त होता है।
आस्ट्रिया की औद्योगिक उन्नति महत्वपूर्ण है। उद्योग धंधों में यह देश बराबर उन्नति करता जा रहा है। लोहा, इस्पात तथा सूती कपड़ों के कारखाने देश में फैले हुए हैं। रासायनिक वस्तुएँ बनाने के बहुत से कारखाने हैं। यहाँ धातुओं के छोटे मोटे सामान, घड़ियां, सूई, कैंची, चाकू, साइकिल तथा मोटरसाइकिल बनाने के कारखाने मुरमुज की घाटी में हैं। वियना में विविध प्रकार की मशीनें तथा कलपुर्जे बनाने के कारखाने हैं। लकड़ी के सामान, कागज की लुग्दी, कागज एवं वाद्यतंत्र बनाने के कारखाने यहां के अन्य बड़े धंधे हैं। जलविद्युत् का विकास खूब हुआ है। देश को पर्यटकों का भी पर्याप्त लाभ होता है।
पहाड़ी देश होने पर भी यहाँं सड़कों (कुल सड़कें 41,649 कि.मी.) तथा रेलवे लाइनों (5,908 कि.मी.) का जाल बिछा हुआ है। 2,414 कि.मी. रेलवे का विद्युतीकरण हो चुका है। वियना यूरोप के प्राय: सभी नगरों से संबद्ध है। यहां छह हवाई अड्डे हैं जो वियना, लिंज, सैल्बर्ग, ग्रेज, क्लागेनफर्ट तथा इंसब्रुक में हैं। आस्ट्रिया का व्यापारिक संबंध जर्मनी, इटली, ब्रिटिश द्वीपसमूह, स्विट्ज़रलैंड, संयुक्त राज्य (अमरीका), ब्राज़ील, अर्जेंटीना, तुर्की, भारत तथा आस्ट्रेलिया से है। यहां से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में इमारती लकड़ी का बना सामान, लोहा तथा इस्पात, रासायनिक वस्तुएं और कांच मुख्य हैं।
देश में निरक्षरता नहीं है। प्रारंभिक शिक्षा नि:शुल्क तथा अनिवार्य है। विभिन्न विषयों की उच्चतम शिक्षा के लिए आस्ट्रिया का बहुत महत्व है। वियना, ग्रेज तथा इंसब्रुक में संसारप्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं।
आस्ट्रिया में गणतंत्र राज्य है। यूरोप के 36 राज्यों में, विस्तार के अनुसार, आस्ट्रिया का स्थान 19वाँ है। यह नौ प्रांतों में विभक्त है। वियना प्रांत में स्थित वियना नगर देश की राजधानी है। आस्ट्रिया की संपूर्ण जनसंख्या का 1/4 भाग वियना में रहता है जो संसार का 22वाँ सबसे बड़ा नगर है। यहाँ की जनसंख्या 16,27,566 (1961 ई.) है। अन्य बड़े नगर ग्रेज (2,37,080), जिंज (1,95,978), सैल्जबर्ग (1,08,114), इंसब्रुक (1,00,695) तथा क्लाजेनफर्ट (69,218) हैं।
देश के उत्तर में जर्मनी तथा चेकोस्लोवाकिया, दक्षिण में यूगोस्लाविया तथा इटली, पूर्व में हंगरी और पश्चिम में स्विटज़रलैंड के देश हैं। अधिकांश आस्ट्रियावासी काकेशीय जाति के हैं। कुछ आलेमनों तथा बवेरियनों के वंशज भी हैं। देश सदा से एक शासक देश रहा है, अत: यहां के निवासी चरित्रवान् तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहारवाले होते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है।
आस्ट्रिया का इतिहास बहुत पुराना है। लौहयुग में यहाँ इलिरियन लोग रहते थे। सम्राट् आगस्टस के युग में रोमन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था। हूण आदि जातियों के बाद जर्मन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था (435 ई.)। जर्मनों ने देश पर कई शताब्दियों तक शासन किया, फलस्वरूप आस्ट्रिया में जर्मन सभ्यता फैली जो आज भी वर्तमान है। 1919 ई. में आस्ट्रिया वासियों की प्रथम सरकार हैप्सबर्ग राजसत्ता को समाप्त करके, समाजवादी नेता कार्ल रेनर के प्रतिनिधित्व में बनी। 1938 इ. में हिटलर ने इसे महान् जर्मन राज्य का एक अंग बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड आदि देशों ने आस्ट्रिया को स्वतंत्र करने का निश्चय किया और 1945 ई. में अमरीकी, ब्रितानी, फ्रांसीसी तथा रूसी सेनाओं ने इसे मुक्त करा लिया। इससे पूर्व अक्टूबर, 1943 ई. की मास्को घोषणा के अंतर्गत ब्रिटेन, अमरीका तथा रूस आस्ट्रिया को पुन: एक स्वतंत्र तथा प्रभुसत्तासंपन्न राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कराने का अपना निश्चय व्यक्त कर चुके थे। 27 अप्रैल, 1945 को डा. कार्ल रेनर ने आस्ट्रिया में एक अस्थायी सरकार की स्थापना की जिसने 1920-29 ई. के संविधान के अनुरूप आस्ट्रियाई गणतंत्र को पुन: प्रतिष्ठित किया। आस्ट्रिया की उक्त जनतांत्रिक सरकार को चारों मित्रराष्ट्रों की नियंत्रण परिषद् (कंट्रोल काउंसिल) ने 20 अक्टूबर, 1945 ई. को मान्यता दे दी। किंतु देश को वास्तविक स्वतंत्रता 27 जुलाई, 1955 ई. को मिली जब ब्रिटेन, अमरीका, रूस तथा फ्रांस के साथ हुई आस्ट्रियन स्टेट संधि (15 मई, 1955 ई.) लागू की गई और बलात् अधिकार करनेवाली विदेशी सेनाएं वापस चली गईं।
वियना के भूतपूर्वू लार्ड मेयर फ्ऱांज जोनास 23 मई, 1965 को आस्ट्रियाई गणतंत्र के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और 25 अप्रैल, 1971 को पुन: इन्हें ही राष्ट्रपति के पद पर चुन लिया गया जबकि इनके प्रतिद्वंद्वी कुर्ट बाल्ढीम असफल रहे। 10 अक्टूबर, 1971 को राष्ट्रीय असेंबली के चुनाव संपन्न हुए जिसमें 93 समाजवादी, 80 पीपुल्स पार्टी और 10 फ्रीडम पार्टी के प्रतिनिधि चुने गए।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ श्री हरिहर सिंह