ईथेलरेड द्वितीय
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ईथेलरेड द्वितीय
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 27 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | ओंकारनाथ उपाध्याय |
ईथेलरेड द्वितीय (ल. 968-1016ई.) इंग्लैंड का राजा, दूसरा लोकप्रिय नाम ईथेलरेड 'अप्रस्तुत' (दि अनरेडी), राजा एडगर का पुत्र। भाई एडवर्ड की हत्या के बाद 978 ई. में गद्दी पर बैठा। एक साल बाद ही डेनों के आक्रमण शुरू हो गए। ईथेलरेड उन्हें धन दे देकर लौटाता रहा। उनके आक्रमणों का फिर तो ताँता बँध गया और उन्होंने एग्ज़िटर और नारविच के आसपास का सारा जनपद रौंद डाला।
ईथेलरेड का राज्यकाल विशेषत: इन डेनी आक्रमणों के लिए ही विख्यात है। 1013 से इन आक्रमणों ने राजनीतिक रूप लिया और उनकी मात्र लूट खसोट बंद हो गई। धीरे धीरे उत्तरी इंग्लैंड पर डेनों का अधिकार हो गया और लंदन पर भी हमले शुरू हुए। 1016 में ईथेलरेड की मृत्यु हुई। उसकी रानी एंमा ने इंग्लैंड के डेन विजेता कैन्युट महान् से विवाह कर लिया। एंमा का ईथेलरेड के साथ विवाह स्वयं एक विशिष्ट घटना थी क्योंकि उससे इंग्लैंड और नारमंडी के बीच जो संबंध कायम हुआ उसने नारमनों द्वारा इंग्लैंड की विजय का द्वार खोल दिया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ