ईश्वरदास कवि

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ईश्वरदास मध्यकालीन भारत के प्रमुख कवियों में एक थे। उन्होंने 'सत्यवतीकथा' नामक पुस्तक की रचना की थी। ईश्वरदास ने यह पुस्तक दिल्ली के बादशाह सिकन्दरशाह (सं. 1546-1574) के समय में लिखी थी।

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'सत्यवतीकथा' को अवधी भाषा की सबसे पुरानी रचना माना है।[१]
  • 'सत्यवतीकथा' नामक पुस्तक दोहे और चौपाइयों में लिखी गई है। पाँच-पाँच चौपाइयों (अर्धालियों) पर एक दोहा है। 58वें दोहे पर पुस्तक समाप्त हो जाती है।
  • इस पुस्तक की भाषा अयोध्या के आस-पास की ठेठ अवधी है और कहानी का रूप रंग सूफ़ी आख्यानों जैसा है, जिसका आरंभ यद्यपि व्यास, जनमेजय के संवाद से पौराणिक ढंग पर होता है, तथापि जो अधिकतर कल्पित, स्वच्छंद और मार्मिक ढंग पर रची गई है।[२]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी साहित्य का इतिहास, शुक्ल, 16वाँ पुनर्मुद्रण, पृ. 130)
  2. कैलासचन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 41